एमपी नाउ डेस्क
'Aranyer Din Ratri' screened at Cannes: भारत के महान फ़िल्म निर्देशकों में शामिल सत्यजित राय किसी पहचान के मोहताज नहीं है। उनकी फिल्मों को भारत सहित दुनियाभर के फिल्म प्रेमियों से जमकर प्यार मिलता है। राय की अपने समय में बनाई गई फिल्में देश विदेश के कई फिल्मी शिक्षण संस्थानों में छात्रों के लिए आज भी उतनी ही प्रासंगिक है, जितनी तब के समय में थी।
चाहे फिर वह 1955 में आई पाथेर पांचाली हो या फिर 1964 की चारूलता उनके द्वारा निर्देशित सभी फिल्मों को लेकर आज भी उतना ही क्रेज है जितना पहले। शायद यही वजह रही कि उनकी कई फिल्मों को आज भी अलग अलग फ़िल्म समारोह में प्रदर्शित किया जाता रहा है।
इसी कड़ी में उनकी एक और फ़िल्म 'अरण्येर दिन रात्रि’ का नाम भी जुड़ गया है, कांस फिल्म फेस्टिवल में क्लासिक सेक्शन में सत्यजीत राय की 1970 में रिलीज फ़िल्म 'अरण्येर दिन रात्रि’ को दिखाया गया। यह फिल्म बंगाली भाषा में बनाई गई थी, जिसमें शर्मिला टैगोर, सिम्मी ग्रेवाल, सौमित्र चटर्जी, समित भांजा, रबी घोष, कावेरी बोस और अपर्णा सेन जैसे कलाकारों में भूमिका निभाई थी।
राय की फ़िल्म को जब कांस फिल्म में क्लासिक सेक्शन में प्रीमियर किया गया तो फिल्म की मुख्य अभिनेत्री शर्मिला टैगोर और सिम्मी ग्रेवाल दोनों ही वह मौजूद थी।
बिहार के जंगल में हुई थी शूटिंग
'अरण्येर दिन रात्रि’ की शूटिंग तब अविभाजित बिहार में हुई थी। जी हां! इस फिल्म को अविभाजित बिहार के पलामू नामक स्थान में बनाया गया था। इसके लिए फिल्म निर्माता और निर्देशक सत्यजीत राय ने खुद रेकी करते हुए शूटिंग की लोकेशन का चयन किया था। एक सरकारी अधिकारी के मुताबिक इस फ़िल्म को पलामू के टाइगर रिजर्व के केचकी, गारू, छिपादोहर और बेतला नामक स्थान के आसपास फिल्माया गया था। पलामू जिला बिहार विभाजन के बाद अब झारखंड में चला गया है, यह झारखंड के उत्तर और पश्चिमी दिशा में मौजूद है।
सुनील गंगाोपाध्य के उपन्यास पर आधारित
'अरण्येर दिन रात्रि’ सुनील गंगाोपाध्य जो बंगाली भाषा के ख्यातिप्राप्त लेखकों में शामिल है, उसी लेखक के इसी नाम के उपन्यास में आधारित फिल्म थी। जब सत्यजीत ने सुनील गंगाोपाध्य का उपन्यास पढ़ा तो वह इसे काफ़ी प्रभावित हुए और उसी वक्त उन्होंने इस उपन्यास के ऊपर फिल्म बनाने की ठान ली। चुंकि उपन्यास में पलामू नाम का स्थान कहानी में था, इसलिए निर्देशक और निर्माता राय ने इसी स्थान की रेकी की और यह स्थान उन्हें काफी अधिक पसंद आया। फिल्म की शूटिंग इसी स्थान के आसपास संपन्न की गई।
अरविंद साहू (AD) Freelance मनोरंजन एंटरटेनमेंट Content Writer हैं जो विभिन्न अखबारों पत्र पत्रिकाओं वेबसाइट के लिए लिखते है। इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में भी सक्रिय है, फिल्मी कलाकारों से फिल्मों की बात करते है। एशिया के पहले पत्रकारिता विश्वविद्यालय माखन लाल चतुर्वेदी के भोपाल कैम्पस के इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के छात्र है।
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